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The Beautiful Summers of Eveline (Part 3)


1. तेरी सासो संग मैं मर जाऊं

अब शब्द ही कहा 
जो तारीफ तेरी करू
जी ललचाता 
अब तेरे संग ही रहूं
सुबह भी चाहता 
मैं चांद से करू
तू हाथ बढ़ा 
मैं साथ तेरे चलु
तेरी सासो संग मैं मर जाऊं।


चल बात करे 
यू सुनता जाऊं
कदम बढ़ा 
मैं साथ निभाऊ
तू नज़रे लड़ा 
मैं होठ मिलाऊ
होठ लड़ा 
मैं रस पिया जाऊं
तेरी सासो संग मैं मर जाऊं।


वो शरबत भी क्या 
जिसमें मिठास ना हो 
तू होठ डाल
मैं पी जाऊं
फिकर ना कर पहनावे की 
तू कमर तो कस
सारी पहनाऊं
तेरी सासो संग मैं मर जाऊं।


उन बदन से तेरे
माला सरकाऊ 
तेरे काले बालों
में लहराऊ
तुझे प्यास लगी 
कोई बात नही 
इन होठों से 
तेरी प्यास बुझाऊं
तेरी सासो संग मैं मर जाऊं।


कमर से तेरी नाभी तक 
जी चाहता मैं हाथ सरकाऊ
थोड़ी देर यू साथ रहकर 
इत्र में तेरे मैं घुल जाऊं
तेरी सासो संग मैं मर जाऊं ।

2. अपना बेटा, बेटी पराई ?

अगर बेटा तन है तो बेटी मन,
बेटा वंश है तो बेटी अंश,
बेटा आन है तो बेटी शान,
बेटा मान है तो बेटी सम्मान। 

बेटा शब्द है तो बेटी उसका अर्थ,
बेटा दावा है तो बेटी उसकी दुआ,
बेटा गीत है तो बेटी संगीत,
फिर क्यों बेटा अपना है और बेटी पराया धन ? 

3. क्या तोहफा खुदा ने बनाया ?

क्या तोहफा खुदा ने बनाया,
वो गोरा रंग,
उन लाल होठों तेरे संग,
क्या तोहफा खुदा ने बनाया।

उन लब्जो पे वो मीठी बाते,
सुन सकू हजारों राते,
सिर्फ लेके तेरी सुगंध,
क्या तोहफा खुदा ने बनाया।

वो काले काले बाल,
ढके बदन, दो गुलाबी निशान,
तुझे अल्लाह की सौगंध,
क्या तोहफा खुदा ने बनाया।

वो गोल से गोरे चेहरे,
बाकी उनपर काले कपड़े,
सिर्फ खुले वो कमर और बदन के अंग,
क्या तोहफा खुदा ने बनाया ।

ये खुदा 
सिर्फ एक ही चाहत है,
उन होठों से मिलने की सिफारश है,
उस बदन की खुसबो में जो राहत है,
शायद ही खुदा में झेलने की ताकत है,
क्या तोहफा खुदा ने बनाया। 


4. काट फेक तू जवान मेरे यार

चली आंधी 
तोड़ पहाड़
काट फेक तू जवान मेरे यार 

रुक मत 
झुक मत 
तू करदे उन सभी चार 
काट फेक तू जवान मेरे यार

उठा फेक बंदूके पार 
चीर सीना जो करे प्रहार
ए मां हिंद, तेरी सौगंध
काट फेक तू जवान मेरे यार

छू कर दिखा उस आंचल को 
वो हाथ काटकर कर दे तू चार 
इस मां pe कोई आंज भी आए 
काट फेक तू जवान मेरे यार 

5. Dark rainy Night 

In that dark rainy Night
You were only the moon light 
Trapped under my eye sight
Wanted to propose, made me fright.

The bangles from her soft palm 
Clink like a love Alarm 
Her touch was very warm 
She stood in that farm.

She had worn something at Top
Below navel a round frock 
Then a piece of clothes shoulders to lock
I wanted her door to knock.

She was smelling the flowers
I could see her trillion hours 
There was some affection power 
On her lips, long belly lower.

The Belly was covered with chain
Hanging from her swollen breast to hole in rain
I felt that beauty in life little pain 
Not able to touch, that the vain.

I wanted her tongue between my lips 
Smooching her lips and tighten her hip
The hardest kiss ever to press her rip 
A sail towards her heart with ship.

In that cold rainy night
I wanted a long lip fight 
Grabbing and crushing waistline so tight
She would be my nude blanket for every night.

6. कुछ भी तुम कर पाओगी क्या?

तुमसे एक सवाल पूछूं
जवाब तुम दे पाएगी क्या ?

इश्क तुम्हे भी है मुझसे 
इसका इजहार कर पाओगी क्या ?

अरे तुम तो सोच में पड़ी 
क्या मसला है फरमा पाओगी क्या ?

नहीं बताना तो कोई नहीं
क्या ये मुस्कुराहट छुपा पाओगी क्या ? 

चलो अच्छा प्यार नही
एक ख्वाइश पूरी कर पाओगी क्या ?

इश्क नहीं तो क्या हुआ
हमसे होठ लड़ा पाओगी क्या ? 

अरे गुस्सा क्यों होती हो 
अब तुम रूठोगी क्या ?

ये सिर्फ कविता है मेरी जान 
समझ इसे भी पाओगी क्या ? 

सोच में पड़ी की क्या लिखा है मैने 
इस पर विश्वास कर पाओगी क्या ?

चलो नाम लेने दो उस स्वाति का 
अब भी शक जताओगी क्या ? 

अरे क्या कविता लिखी है यार 
समझ कभी इससे पाओगी क्या ?

प्यार में तो तेरे हजार है मरते 
सच्चा ढूंढ पाओगी क्या ? 

7. देख तुझे खुले बालों में, यू चांद जरा शर्माये।

देख तुझे खुले बालों में,
यू चांद जरा शर्माये।
उन काले काले आखों से,
वो नयन कैसे लड़ाई।

हवा चली वो कपड़ा छूकर,
बदन जो ढकने को आए।
उड़ा दुपट्टा भीगी गर्दन,
जो देखे चैन ना आए।

देख पेट और स्वेत कमर,
सम्मोहित सब हो जाए।
उस गोरे जिस्म की चमक से, 
अंधेरा रोशन सा उठ आए।

समझ गुलाब, खुद को फीका,
देख होठ ललचाए।
पड़ी ओस, गीले पंखड़ियों पे,
होठ नर्म छुलाए।

रेत सा तेरा जिस्म जो तपता,
सुरंग ढूंढ चीप जाए।
मत पूछ की सुरंग कहा पे,
जो नावी से होकर आए।

मिराज दिखे पानी प्यासे को,
 मिराज तुम्मे देख जाये।
जैसे प्यासे को पानी की जरूरत, 
तेरे होठों से प्यास बुझाए।

तू धड़कन है उस धरती की, 
दिल जिसका रुके ना धड़के। 
जी चाहता वो तेरे वस्त्र हटाकर,
उस दिल से होठ लड़ाए।

फिर देख तुझे खुले बालों में,
वो चांद उम्मीद लगाए।
अब ना कोई जंगल, ना कोई पत्ता,
फिर भी हसीन सा रंग दिख जाए।


8. जो ढके तो आनंद ना आए।

खूबसूरत वो पेड़ ही क्या,
पाते जिसके झर जाए। 
सिर्फ डाल दिखे, जो सुख उठी,
कोई आए काट ले जाए।

समुद्र तल भी सूखा होता,
अगर पानी उसे न मिल पाए।
पानी क्या जीवन तो दूर,
जीव कैसे प्यास बुझाए।

सोच अगर वन साफ हो कटकर,
बंजर मिट्टी उभार आए। 
जीव जंतु सब सास को तरसे,
वन फिर लौट के ना आए।

धरती के जिस्म से 
अगर पर्दा ये हट जाए।
सोच होगा क्या इस वसुधा का,
सिर्फ मटमैला रंग नजर आए।

उसी तरह तेरे जिस्मों पर,
ये लहंगा सोभा बढ़ाए।
ना कोई डाली, नम सी मिट्टी,
नजर कभी कभी आए।

सिर्फ पत्तो संग, वृक्ष सुना लगता,
बिन मिट्टी समुद्र ना लगे।
वैसे ही कुछ चित्र है तुझपे,
जो ढके तो आनंद ना आए।

9. Coverings 

Imagine the beauty of Moon in the Sky,
In the dark clothes of cotton in shy.
It will cover the entire light of moon,
Never let a flower to glow in the evening or noon.

Think about a flower hidden in buds,
All of its Beauty get lost in those hubs.
But after taking off sepals from it's body,
The softness and smell spread its fragrance quietly.

I have seen a diamond with ores,
Having useless gangue on its floor.
When I removed the waste from it's surface,
It sparkled among the stars in Grace.

You can't feel any season with your covering,
Neither winter nor the winds in spring.
Remove Those barriers from you,
You can feel them like me too.

Similarly, the clothes of hate,
As a curse in our fate.
Will destroy the connection,
As a wall between our affection.

The Flower, The Diamond, The Moon
Will lose their beauty in their covering soon.
Similarly, having the wearings on you,
Fades your beauty and sparkles too.

Unlike hate, Love never demanded
The Synthetic beauty,
As you and I had in that party.
The real beauty lies on your lips and waist
Examined you bare with my red lips while rest.


10. चमक उठी...

वो चांद नहीं तब भी चमक है उनकी 
गुलाब नहीं, क्या होठ है उनकी
वो कोई शहद नहीं, क्या रसीलापन है उनमें 
वो कोई गुलाम नहीं, तब भी वो आज़ाद नहीं ।

वो इत्र तो नहीं, तब भी क्या खुशबू है
कोई कमल नहीं, तब भी मासूमियत लाजवाब है
कोयल तो नहीं है शायद वो, तब भी क्या आवाज है 
ये मान लो तुम, वो हकीकत है लेकिन सिर्फ एक सपना है।

दिल उनका कांच नहीं, तब भी टूट जाता है 
दिलो की बाते करते ही वो रूठ जाता है 
कोई फूल तो नहीं तब भी मुरझा जाता है 
आप आजमा के तो देखो 
मानो की कोई बंधन है उनको 
दिल उनका बेचैन हो जाता है।

आसू है वो कोई मोती नहीं
नमक नही तब की खट्टा है 
वो दर्द है उनका उस मोती जैसा 
वर्षो की वो बेचैनी है 
जो आज याद आने पर वो रोती है।


11. वक्त मोहब्बत

वक्त पुराना हो जाता है 
पर मोहब्बत नही 
वो गुजरे दिन फिर याद आते है
मानो सवेरा हो उठता है।

बातो बातो में सिर्फ बात होती थी
दोस्ती के नाम पे मुलाकात होती थी
वो बातो में कोई बात नही होती था
पर उनकी बात में कुछ बात हुआ करती थी ।

फिर छूट गई वो दोस्ती
जब आशिकी ने कहर बरसाया 
जहा हाथ मिला करते थे
वहा होता ने मिल के दिखाया।

अब इंसान भी चांद लगा
और फूल मेरे मुरझा गए 
वो सुगंध जो आती थी
उन्होंने रूप अपने बदल लिए।

अब उस चांदी ने 
महक जब फैलाया
अब उन दाग भरे आने को भी 
मैने छूकर उसे पा लिया।

मर गया वो पौधा 
रूठ गई वो डाली 
अब ना थी कोई हरियाली
क्युकी वही एक थी अब दिल की रानी।

रात बाल
वो होठ गुलाब 
स्वाद समुंदर
वो रेतीली आग।

प्रकृति ना निशान मिट गया
वो अकेली ही पूरा विश्व थी।
अब किसी की जरूरत नहीं थी
क्युकी वो अकेली ही एक विष थी।


12. ये धरती स्वर्ग नही नर्ग है

इतना बेरहम है खुदा 
जो इस जालिम दुनिया में भी 
कमजोरो और बेगुनाहों के अत्त्याचारो को 
देखता फिरता है।

उसे किसी पे भी रहम नही है 
आज किसी को अनाथ किया
तो किसी बेगुनाह को कातिलो
के हाथ छोड़ दिया। 

मगर कुछ अनजान है
जो मौत से डरते है
क्योंकि उन्हें लगता है 
मौत के खौफ का नर्ग है।

अगर इस दुनिया में कोई नर्ग है
तो वो और कुछ नहीं 
ये धरती ही स्वर्ग के नाम पर नर्ग है
ये धरती स्वर्ग नही नर्ग है। 

13फूलो पर आखरी मुलाकात


वो वक्त भी कितना हसीन होगा 
जब फूलो पर हमारी पहली रात होगी 
कभी वो दौर भी आ जायेगा, 
जब फूल सिर्फ हम पर होंगे,
और वो हमारी आखरी मुलाकात होगी।

14. जब होठ डाल तूने संग मेरे।


क्या रंग तेरा, कम कपड़े जिसपे 
काले बाल जो लहरे बदन से 
वो गोरा मुखड़ा, खिल जाए चमक से
जब लाल होठ मुस्कुराए जैसे।

वो पतली चोली, गोरी पीठ खुली 
वो काले कपड़ों में चमक उठी।
वो चाल तेरी, कमर लचकी
यू देख तुझे मुझे प्यास लगी।

तू कितनी सुंदर, कोई शब्द कहा 
खुदा भी तुझपे, यू फिदा,
वो सुरंग पेट की गहरी जो
वो गोल जहां कर दे गुमराह।

तू पास तो आ, दिखला दू तुझे 
तेरी खूबसूरती में जो फूल झुके 
सौ मरते देखा, मैने उस रात तुझपे 
जो जिस्म के प्यासे, हवस ढके।

पर यकीन कर मैं मरता तुझपे
अच्छाइयों का भंडार तेरे दिल में 
रंग, नयन, जिस्म के भी आगे, 
सबसे पहले तेरी कोमल बाते।

सर्व गुण समाया जैसे तुझमें
काले नयन, तेरी झलके सच्चे
तेरे लब्जो में रस है घुला 
जब होठ डाल तूने संग मेरे।


15. Feelings 

Everyone is acting here 
To impress or hide their in their flame.
The feeling can differ from human to human
But the way of feeling them is same.
Some expresses in cry and anger 
Others point it by blame
I suggest the way of love
To call my way by its name.


16. Beauty Lies In Every Girl 

Every girl is not Ugly 
Every Girl is not Beautiful 
Some boys like Them 
Some boys are liked by them.

There is nothing like love 
Hate exists no where 
Everything is common everywhere
As life remains here and there.

It's life whom you'll have marry 
Smooch her shape 
Cuz it lives with you till end 
For some, life is lifeless 
But accept her as your girl 
She will be your friend.

No one is same
And no one is similar 
No one is unique
Cuz we all the equal.

17. बात 

हो जाती है अब बात
पर उन बातो में वो बात नही होती।
बातो बातो में वो बात होती है 
पर होठों से अब वो बात नही होती।

याद है बीते हुई वो बात मुझे
जब उन बातो में कोई बात हुआ करती थी
सच मानो मेरे यारो
पर उन बातो में कुछ बात हुआ करती थी।

उस बात में वो बात थी
जिसके आगे कोई बात भू हुआ करती थी
बस एक बात ही हुआ करती थी
अब जो बात हुआ नही करती।

याद है मुझे वो बात
जिसमे सिर्फ वो बात हुआ करती थी 
हो जाती है आज भी बात
पर वो बात नही हुआ करती है × 2

बात बात में वो बात बताइए
तब बात ही कुछ और थी
वो बात में क्या बात थी
जो बात ही कुछ और थी।

एक बात बताना चाहूंगा
की अब बात ही ही जाती है 
मगर जो बात मैं चाहता था
अब वो बात नही होती है × 2


18.  क्यों मैं उसे अपना कहू

जो मेरा नही है
उसे मैं अपना नही बना सकता
चाहे वो मेरी चाहत हो
यू कोई और
मैं उसे अपना नही सकता।

लिखी है वो किसी और के लिए
कैसे मैं उसे जुदा करू 
आखिर वो जब मेरा है ही नही
तो क्यों मैं उसे अपना कहू।


19. एक कविता भी पढ़ लिया करो।

क्यो चलती हो अकेले 
अरे हमे भी बुला लिया करो।
बात हमसे नही करती तो क्या
कम से कम नजरें ही मिला लिया करो।

मन नहीं लगता हमसे
दिखावा ही कर लिया करो।
इन रसीले लाल होठों को
कभी हसके खिल खिला दिया करो।

इस रूठी हुई दुनिया में 
जरा मुस्कुरा दिया करो।
अरे आशिकी करने को कौन कह रहा है हमसे
कम से कम हमसे दोस्ती ही कर लिया करो।


20. मैं हुनर दिखाता जा रहा।


हूं आज यहां खुद के बल पे
जंजीर काटता जा रहा 
इस कायरता की दुनिया में 
मैं हुनर दिखाता जा रहा।

मन से टूटा ये संसार है,
मैं उम्मीद जगाते जा रहा 
अंधेरा में ये गुमनाम है 
अपना नाम सुनते मैं जा रहा।

टूटा था दिल कितनो का 
मैं साहस बंधता जा रहा
प्यार मुझको किसने ना दिया
मैं प्यार बाटने जा रहा।

मंजिल का कोई पता नहीं 
फिर भी मैं चलते जा रहा 
एक आशा है की पहुंचूंगा 
मैं इस उम्मीद में जा रहा।

कइयों ने छोड़ा साथ मेरा
मैं फिर भी हाथ बढ़ा रहा
मालूम है की चलना है अकेले
फिर भी मानवता मैं दिखा रहा।

इस मोह माया की दुनिया में
विश्वास करता मैं जा रहा 
क्रूर भरी इस दुनिया में 
फिर भी प्रेम मैं बाट रहा।

21. कुछ है पर कुछ नही.....


जिंदगी है, मगर जीवन नही
हवा भी है पर सॉस नही
अरे पानी है, पर प्यास नहीं
गंभीर है परिस्थितिया, पर एहसास नहीं।

पैसा हैं पर भूख नही
अमीर है मगर सुख नहीं
अरे दौलत है , औलाद नहीं
शरीर है, मगर स्वस्थ नहीं।

वो गरीब है, कोई गम नही
पैसा नहीं फिर भी किसी से कम नही।
माना की औलाद है, दौलत नहीं
पर सुख है, कोई दुख नहीं।

जो आमिर है, उनका पैसा काम का नही
जो गरीब है, उनके पैसा नहीं।
क्या कहूं मैं आपसे 
मूंह तो है, लेकिन शब्द नहीं।




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